दिल्ली में पबों पर रिकाॅर्डिड संगीत बजाने पर पाबंदी

  • 2018-05-22 11:56:29 IST
सांकेतिक तस्वीर रायटर्स
सांकेतिक तस्वीररायटर्स

दिल्ली सरकार ने शहर के ऐसे तमाम प्रतिष्ठानों को उस पुराने नियम का पालन करने का आदेश जारी किया है जो उन्हें केवल लाइव संगीत का प्रदर्शन करने की अनुमति देता है न कि पहले से ही रिकाॅर्ड किये गए संगीत या फिर बाॅलीवुड के लोकप्रिय गानों के साथ खिलवाड़ करने वाले पेशेवर डिस्क जाॅकी का.

पिछले सप्ताह जारी किये गए आदेश, जो सोमवार को ही सुर्खियों में आया, में सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उन्हें यह आदेश ऐसे बारों द्वारा फैलाई जा रही अव्यवस्थाओं को लेकर स्थानीय निवासियों से मिली शिकायतों के बाद जारी करना पड़ा है.

माना जा रहा है कि इस कदम से स्थानीय सरकार और अपने अस्तित्व को लेकर चिंतित 1000 से भी अधिक पबों के बीच विवाद और अधिक बढ़ सकता है.

नेश्नल रेस्त्रां एसोसिएशन आॅफ इंडिया (एनआरएआई) के एक वरिष्ठ सदस्य ने शहरी प्राधिकरण को ऐसे ''विचित्र'' और ''प्रतिकूल'' आदेश को वापस लेेने के लिय कहा है.

नाम न छापने की शर्त पर एनआरएआई के इस निराश सदस्य ने कहा, ''हम दुनिया के सामने हंसी का पात्र बनकर रह जाएंगे. सरकार कानून के इस छोटे से बिंदु का हवाला दे रही है और उसके इस कदम से पर्यटन और जीवन की गुणवत्ता, दोनों ही प्रभावित होंगे.''

ग्राहक भी इस आदेश से खुश नहीं हैं

नई दिल्ली निवासी एक संचार पेशेवर और नियमित रूप से पार्टियों में जाने वाले आर कुमार कहते हैं, ''आप स्वयं को कैसे खोलते हैं इसमें संगीत का बेहद अहम योगदान होता है और ऐसा करके आप यह आजादी छीन रहे हैं.''

स्थानीय निवासियों के लिये मुसीबत की जड़
भारत की राजधानी में पबों की संस्कृति कई वर्षों में विकसित हुई है.

सैंकड़ों की संख्या में छोटे और बड़े पब शहर भी के उन युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये धड़ाधड़ खुल रहे हैं, संगीत, शराब और वैश्विक व्यंजन जिनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं.

लेकिन 20 मिलियन से भी अधिक लोगों को अपने में समेटे इस महानगर के आवासीय क्षेत्रों के नजदीक बने इन पबों में बजने वाला जोरदार संगीत, आसपास के निवासियों के लिये बड़ी मुसीबत का सबब बन चुका है.

दिल्ली सरकार के इस आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले वरिष्ठ अधिकारी प्रवीण मिश्रा कहते हैं कि सरकार सिर्फ इन पबों पर लागू होने वाले पुराने कानूनों को लागू कर रही है.

मिश्रा ने अपने पिछले हफ्ते के आदेश में लिखा, इन पबों को अपने परिसरों में ''सिर्फ पेशेवरों द्वारा लाइव उपकरणों/गायन की अनुमति है. इन नियमों का उल्लंघन होने पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी.''

इस आदेश के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि आचिार सरकार लाईव कार्यक्रम के प्रदर्शन के दौरान संगीत की आवाज को कैसे नियंत्रित करेगी जिनकी संख्या में अब इजाफा होने की उम्मीद है. टाईम्स आ़ॅफ इंडिया ने दिल्ली के एक अधिकारी के हवाले से लिखा कि नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि क्या पेशेवरों को माईक के साथ गाना चाहिये या बिना माईक के और इसमें वाॅल्यूम क्या रहनी चाहिये.