भगवा दल और शिवसेना के अलग होने पर कांग्रेस बना सकती है महाराष्ट्र में सरकार, बीजेपी मंत्री की चेतावनी
- 2018-05-28 12:42:37 IST
महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच रही मौखिक जंग के बीच बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने चेतावनी दी है कि अगर अगले विधानसभा चुनावों में शिवसेना और रभगवा दल गठबंधन करने में नाकाम रहते हें तो कांग्रेस राज्य की सत्ता पर काबिज हो सकती है.
बीजेपी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दल ने सोमवार, 28 मई को होने पाले पालघर उपचुनाव के प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
कर्नाटक विधानसभा चुनावों की हार का गम भुलाने की कोशिश कर रहे भगवा दल ने आरोप लगाया है कि शिवसेना ने बीजेपी सांसद चिंतामन वनागा के वेटे को पालघर लोकसभा क्षेत्र की छः विधनसभा सीटों में से एक विरार पर टिकट देकर उनके साथ धोखा किया है.
बीजेपी उनके इस कदम से इसलिये नाराज बताई जा रही है क्योंकि वनागा परिवार बीतेे 35 वर्षों से भगवा दल में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुका है और अब उन्होंने दलीय प्राथमिकताओं को बदल लिया है.
बीते सप्ताह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसैनिकों को ''पीठ में छुरा घोंपने वाला'' कहा था. हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल भी ऐसा ही मानते हैं और उन्होंने शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को दोनों दलों के बीच ''कड़वे'' होते संबंधों का दोषी भी माना लेकिन उनका यह भी मानना है कि वनागा परिवार को लेकर वल रही रार के चलते बीजेपी के महाराष्ट्र की सत्ता मे बने रहने की संभावनाओ पर ग्रहण लग सकता है.
पीटीआई ने राज्य के पीडब्लूडी मंत्री पाटिल के हवाले से लिखा, ''बीजेपी ने लोकसभा उपचुनावों के लिये स्व सांसद चिंतामन वनागा क परिवार से ही किसी को मैदान में उतारने का सोचा था. लेकिन उद्धव ठाकरे ने बिना बीजेपी की योजनाओं के बारे में पता किये, उन्हें (श्रीनिवार वनागा) को चुना और शिवसेना प्रत्याशी के रूप में उनके नाम की घोषणा कर दी. उनके कामकाज का यह तरीका विवाद पैदा कर रहा है.''
पाटिल ने आगे कहा, ''बीजेपी शिवसेना के साथ गठबंधन करने को लेकर प्रतिबद्ध है. अगर यह गठबंधन टूटता है तो कांग्रेस सत्ता में आ सकती है (अगले विधानसभा चुनावों में).''
वास्तव में हो सकता है कि पाटिल की बात ठीक हो क्योंकि 23 मई को कांग्रेस और वाम के खिलाफ कड़ा रवैया रखने वाले ठाकरे ने विपक्षी दलों के बीच तत्काल एकता की अप्रत्याशित बात बोली थी.
द वायर ने ठाकरे के हवाले से लिखा था, ''मैं अन्य सभी, चाहे वे कांग्रेस हों या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सा फिर वामपंथी ही क्यों न हों, से अपील करता हूं कि हमें अलग-अलग लड़ाई नहीं लड़नी चाहिये. यह आपदा देश के अस्तित्व पर खतरा है और हमें बहुत देर होने से पहले मिलकर इसका सामना करना चाहिये.''